सर्द रातों में
यारो की महफ़िल
कभी सज जाए
तो बताना
हम भी शरीक होंगे
जाम तो हम
अक्सर लगाते है
पर कोई और पिलाए
तो बताना
हम भी शरीक होंगे
कहानियां तो है
पड़ी बहुत मैंने
अफसाने कोई सुनाए
तो बताना
हम भी शरीफ होंगे
यूं तो यार ही काफी है
मेरे जीने के लिए
पर वो भी आए
तो बताना
हम भी शरीक होंगे
नज़रे तो अक्सर
मिला करती है उनसे
हमे देख कर नज़रे झुकाए
तो बताना
हम भी शरीक होंगे
देव
Wah
Jabardast
Bahut badhiya dear DEV…aise hi lekh te raho…