तेरे नखरे,
तेरा गुस्सा
तेरी वो हसी शैतानियां
बैठ अकेले
याद कर उन्हें
यूं ही हसता रहता हूं
तेरे नरम हाथ
तेरे उखड़ी सांस
तेरे आगोश की गर्मिया
महसूस कर
अपनी शामे
रंगीन करता हूं
तेरा मुस्कुराना
तेरा आंखे झुकाना
तेरा हौले से लजाना
याद कर
सुबह की चाय की
चुस्कियों में पीता हूं
तेरे बिखरे बाल
तेरी धीमी चाल
तेरा बातों को रुक कर बोलना
तेरी यादों में
हर पल
मगशूल रहता हूं
देव
Bahut shandaar..superb