कल

कल, मेरे शब्दकोश में नहीं है लब्ज़ कोई
मैं आज जीता हूं, आज ही पीता हूं।

जो बिछड़ गए कल, बिछड़ जाने दे
जो आएंगे कल, क्या भरोसा करे
आज जो मिल जाए, बैठ महफ़िल में
कुछ गम समेट ले, कुछ खुशियां बाट ले

मैं, तुझे अब भी मिल सकता हूं
तुझे पाने की जिद में रखता हूं
बस, ना बता ना बात कर कल की
ना मैं भूत में जीता हूं, ना भविष्य पड़ता हूं।

कल, मेरे शब्दकोश में नहीं है लब्ज़ कोई
मैं आज जीता हूं, आज ही पीता हूं।

देव

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