वक़्त, गुजर जाता है, बस यूं ही
ताकते रह जाते है, निशान ए कदम
रोशन यू ही नहीं होता, अंधेरा अक्सर
जलानी पड़ती है लौ, जलकर अक्सर
फ़र्ज़ निभाना, आसान नहीं होता
कर्ज चड़ाने के वास्ते भी, जिगर चाहिए
वो फिर से मिल जाए, मुमकिन होता
हम फिर से चाहे, मुश्किल है बहुत
दर्द दिलो का, अक्सर दिखाई नहीं देता
महफिलों में हसने वाले, अक्सर तन्हा मिलते है
देव