कुछ वक़्त और गुजर जाने दो
थोड़े से बाल सफेद हो जाने दो
कमर में जरा सा झुकाव आने दो
पोता पोती जरा हो जाने दो
तब महसूस होगा, बेटे की मा का अहसास
जिसको जन्म दिया कोख से
पाला नाजों से
अपने हाथो दिया निवाला
गीले में खुद सो, सूखे में जिसे सुलाया
अध्कही जिसकी बाते समझी
अच्छी बाते जेहन में भर दी
नारी का सम्मान सिखाया
प्यार दो, जिसने प्यार लुटाया
राम, कृष्ण की गाथा सुनकर
उसको पति का मतलब बताया
जब वक़्त आया,
उसने पति का धरम निभाया
अर्धाग्नी बना जिसको लाया
उसको अपने दिल में बसाया
अभी कुछ और वक़्त गुजर जाने दो
थोड़े से बादल हैं नए नए
उन्हें हट जाने दो
तब महसूस होगा, बेटे की मां का अहसास
जब दुनिया सास कह कर पुकारेगी
बहू बेटी ना बन पाएगी
जब भी अपनों की बाते करेगी
मेरा नाम ना कह पाएगी
और अपनों से बाते करते वक़्त
मुझे सास कह कर पुकारेगी
मैंने जिसे उस लायक बनाया
जिसे वो प्यार कर सके
कुछ ही दिनों में उस पर अपना हक जताएगी
उसकी अच्छाइयों को खुद का हिसाब
बुराइयों पे मेरे दस्तखत कराएगी
मेरे कलेजे के टुकड़े को
मेरा कलेजा फाड़ कर ले जाएगी
और फिर भी यही कहेगी
मेरी सास मां कहलाने लायक नहीं है
उसको मेरी कोई परवाह नहीं है
जब कभी तुम ये जान पाओगी
तब महसूस होगा, बेटे की मां अहसास
जिस मर्द पर वो नाज़ करती है
उसी को बनाने वाली से
अपने बच्चो को बचाएगी
कुछ पल मिलने की ख्वाहिश जब करूंगी
लाख बहाने बनाएगी, और मिलने पर अपना अहसान जताएगी
पति और बच्चों को, अपने आंसुओ में बहाएगी
पर फिर भी, मैं मां हूं
बस, तुम्हारा भला चाहूंगी
तुम्हारी खुशियों में, अपने गम भूल जाऊंगी
साल में जब एक बार ही सही
चेहरा जब तुम दिखाओगे
उसी यादों के सहारे अपना बुढापा गुजारूंगी
बुढापे के साथ, मैं भी होगी सनक ही गई
इसीलिए, नए जमाने की रीति रिवाज नहीं जान पाती हूं
शायद तुम मुझे, फ़र्ज़ मां कर बुलाने का
दिखावा करते हो
और मैं प्यार में पागल, सच में चली आती हूं
पर, अब समझ गई हू
इसीलिए तुम्हे बता रही हूं
अभी तुम बह रहे हो भावनाओ में
लेकिन जब तुम भी गुजरोगे इन रास्तों से
तब महसूस होगा, बेटे की मां अहसास
देव