मैं तो सोच ही रहा था आने की
तेरा दरवाजा खटखटाने की
पर लगा तू मगशूल होगी
रंगीन सपनों में मगन होगी
पर तेरे बिना होली भी
रंग नहीं लाती है
तेरे गुलाबी गालो से चुरा
बनता रंग गुलाबी है
तेरे लबों से निकलते
लब्जो के आगे
पिचकारी की बौछारें भी
सब बेमानी है
रंग दे, बस एक बार
मोहब्बत के रंग मे मुझे
बिन तेरे सुना मेरा जीवन
बेरंग मेरी कहानी है
देव