वक़्त का पैबंद…

वक़्त का पैबंद लगा रखा है
मैंने लिबास में, सच छिपा रखा है

वक़्त, क्यूं नहीं है, जानने में,
जिंदगी गुजर जाती है।
लबों तक आने से पहले,
सोचने से हसीं रुक जाती है।।

नफ़रत करने में क्यूं,
जायां करू जिंदगी।
मोहब्बत वीरान दिलो को,
बागबान कर जाती है।।

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