मेरे ख्यालों में, बसने वाले।
तेरे ख्यालों में, क्या मेरा बसर है।।
तू वक़्त के आगोश से, आया मेरी गलियों में,
तेरे मोहल्ले में, मेरा सफर है।।
जब शाम ढलती है, या दिन निकलता है।
मेरे अस्तित्व में हर पल, तू खिलता है।
क्या तुझे भी, मेरे होने का अहसास है।
या, यू ही मेरे सामने, तू दिखावा करता है।
पहले ही जिंदगी मेरी, ज़ख्मों से लदी है।
तू जो मिला, जीने की इक आस जगी है।
अब है नहीं मुमकिन, सम्हालू दिल को में अपने।
या तो मुझे अपना ले, या कहीं दूर निकल जा।।
देव