कल रात, बड़े अर्सो बाद उससे बात हुई
उसके साथ बिताए उन पलो के यादों की बरसात हुई
हां, इस बार उसने मुझे याद किया था
अचानक से, मुझे उसका “hi” का मेसेज मिला था
बस, नींद आते आते रुक गई
दिल की धड़कने, पहले कम हुई, फिर बड गई
उसके मेसेज में भी, उसकी मुस्कुराहट थी
थोड़ी से गर्माहट, थोड़ी कसमसाहट थी
जैसे, आज भी, वो मुझे याद तो रखती है
मुझसे मिलने की, उसको भी, जल्दी है
आज भी याद है, जब भी नज़रे मिलती थी हमारी
परेशा लाख रहे हो, पर आ जाती थी हल्की सी हंसी
दुंडते थे बहाने से, लगा दफ्तर के चक्कर
काश दीदार हो जाए, उसका दिन में अक्सर
दो पल ही सही, बात उनसे मैं कर
उड़ जाता था, सपनों की दुनिया में अक्सर
पर, बहुत कश्मेकश थी, उसके जीवन में उस पल
उलझनों के दायरे में, जिंदगी थी हर पल
जिम्मेदारियों ने, हाथ था उसका रोका
इश्क़ ना कर, तेरे लिए नहीं है, करीबी ने टोका
और मैं भी, यू ही उसकी खुशी समझ के चल पड़ा
अब तक दर्द है, क्यूं नहीं में मर्द बना, आगे बड़ा
पर, जाने क्यूं, उसको देखता हूं,
तो आज भी खुश होता हूं
उसको खुश देख कर,
दिल को तसल्ली देता हूं
तू आबाद रहे हर वक़्त,
खुशियां रहे तेरी दोस्त हर पल
और जब भी देखूं तुझे
दिखे, तेरा मुस्कुराता चेहरा उमर भर
देव