तेरी पलकों का होले से सिमटना
मुझे देख कर, दूसरी ओर घूमना
और फिर धीरे से मुड़कर देखना
मुझे बता तो सही, ये क्या है
जब भी तेरी गली से गुजरते है कदम
तेरा झरोखे से छुप छुप कर ताकना
मेरी हर आहट को पहचानना
मुझे बता तो सही, ये क्या है
कपकपाते होठो से हैलो बोलना
नज़रें मिलने पर, थोड़ा सा मुस्कुराना
थोड़ा लजाना, जुल्फो को अंगुलियों से घुमाना
मुझे बता तो सही, ये क्या है
बस, यू ही, ये है तेरा इतराना
या, मुझे चाहती है तू कुछ बताना
शर्म को पल भर दूर कर जरा, और
मुझे बता तो सही, ये क्या है
देव