नया सवेरा है अब तो…

तेरे ख्वाबों को पड़ कर
तेरी आरजू लिखता हूं
मैं, तेरे सपने, तेरी ख्वाहिश
कागज पर उकेरता हूं

इंतजार में बैठी हैं तू
सदियों से जिसकी
उसे बहुत दूर से बुला
नजर तेरे करता हूं

दर्द काफी झेल लिए
बहुत जीली मुश्किलों में
नया सवेरा है अब तो
भर ले खुशियां झोली में

देव

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