कब जागेगी जनता सारी, कब जागेगी सरकार ये

वो देखो, चल पड़ी गर्व से
बेटी है वो हिंदुस्तान की
बिकी मीडिया को क्या करना
बिजी है वो सरकार में

कोई ना जाने, जीते कितने
गोल्ड है, भारत की शान ने
क्रिकेट ही, खेल है जाने
आधे हिंदुस्तान में

वो देखो, फिर जीत के अाई
पराओलंपिक की बाड़ में
ढूंढ़ती फिरती अपना साया
कहीं खोया है बाजार में

खून बहाए, शहीद हो जाए
गोलियों की बौछार में
मां बीवी बच्चे भूल गए सब
खबर नहीं अखबार में

कब सुधरेगा देश हमारा
कब मीडिया का होगा उत्थान रे
कब जागेगी जनता सारी
कब जागेगी सरकार ये

देव

One thought on “कब जागेगी जनता सारी, कब जागेगी सरकार ये

  1. बिकी मीडिया और लोकतंत्र खतरे में है …
    यह दो शब्द हमेशा मेरे लिए ..
    कन्फ्यूजन वाले रहे हैं …
    समझ में नहीं आता इसका मतलब क्या है …!
    🤔🤔🤔🤔

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