तू कोई और नहीं, मेरा ख्वाब है।
जुस्तजू जिसकी करी, वो मेहताब है।।
तेरे आने से रोशन, ये कायनात हुई।
दूज का चांद है और चौदहवीं की रात हुई।।
बरस पड़ी है कलियो की, बौछारें चमन में।
खिलखिलाहट निकली, जो तूने लबों से।।
इश्क़ छाया है हवा में, मोहब्बत की है बारिश।
तेरी सांसों की नमी से, फिजा बहकी सी है।।
बुझ दे जरा आकर तू मेरी बाहों में
जाने कब से, आग दिल में मेरे, लगी सी है।
देव