यह शाम ही तो है जो तुझे याद करती है

यह शाम ही तो है जो तुझे याद करती है
यह शाम ही तो है जो तुझे याद करती है
दिन तो गुजर जाता है यूं ही काम करते-करते

यह रात ही तो है जो मुझे बदनाम करती है
दिन तो गुजर जाता है यूं ही काम करते-करते

तू है यहीं कहीं बसी परछाई में है मेरी
तेरी खुशबू है आती, हर सांस में मेरी
फिर ढूंढता तुझे हूं क्यों याद करते करते

दिन तो गुजर जाता है यूं ही काम करते-करते

ना गम का है पता, ना एहसास है खुशी का
तेरे बिन नहीं है मिलता मजा जिंदगी का
वक्त यूं ही कट जाता है तेरा इंतजार करते करते

दिन तो गुजर जाता है यूं ही काम करते-करते

देव

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