बचपन से तुम्हे देखा है,
जो कल थी वहीं आज भी ही,
स्नेह से भरा, संसार भी हो,
प्यारी सी तुम्हारी आवाज में,
भाई शब्द का सुनना,
रुकना, मुड़ना, और तुम्हारा प्यार से देखना,
दीदी, तुम आज भी वही हो,
ना प्रपंच, ना कोई छल,
सच्चा प्यार, चाहे आज हो, या कल,
यूं ही नहीं, चाहते है सब तुमको,
तुम इस खानदान का, अटूट तार भी हो,
बड़ी हो, पर बचपना भी है,
सलाह भी है, फटकार भी है,
तुम्हारी हर बात में दुलार भी है,
मिले तुहरा प्यार सालो साल,
दुआ है, जिओ तुम साल हजार।
देव