तुझे रंगो का जुनून है,
तुझमें रंगो का हुजूम है,
बेरंग कैसे रहे कोई,
जिसपे तेरा फितूर है,
तू पाकीजा है,
तुझपर कितने फिदा है,
तू आरजू है जिसकी
तू उसकी खुदा है,
बस, तेरी एक हां, की खातिर,
तेरी चौखट पर, वो बैठा है,
तू मुस्कुरा दे, इक बार जरा,
तेरे क़दमों में रख दे जहां ये।।
देव