माना, तुम दूर, बहुत दूर, हो मुझसे,
इन दूरियों को मिटा दूंगा पल में,
तुम बुलाओ तो सही,
माथे पर, शिकन लेकर जो घूमती हो तुम,
पल में, मिटा दूंगा इन्हे,
शिकवे बताओ तो सही,
तन्हा रातें, सताती है, अक्सर तुम्हे
दीवाली हर रात, मना दूंगा तुम्हारी,
दिया जलाओ तो सही,
माना, इश्क़ रास नहीं आता तुमको, पर
मोहब्बत क्या होती बताऊंगा तुम्हे
तुम अपनाओ तो सही।।
देव