हल्की सी झुकी,
उठी सी पलको से,
झांकती, तेरी नज़रे,
तेरी चाहत बयां करती है,
तू इश्क़ खुद से ज्यादा,
किसी और से करती है,
कोई तो है, जिसे पाने की चाह,
लिए तू फिरती है,
तेरी मुस्कुराहट, तेरी नजाकत,
तेरा यूं होले से शर्माना,
हाथ से थाम, हाथ अपना,
हल्की सी यूं टेक लगाना,
खुली जुल्फों का तेरा,
मदमस्त सा लहराना,
आंचल में छिपे पैरों का,
आपस में टकराना,
बता रहे है, वो यहीं कहीं है,
तू जिससे मोहब्बत करती है।
देव
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