आंखो पे पहन के काला चश्मा,
माथे पे बिंदी लाल सजाई,
बांधे सारी तन पे अपने,
लंबी से चोटी है बनाई,
मुस्कान छुपा, चेहरे की अपनी,
भृकुटी पे मध्धम सलवटे चड़ाई
हॉट फड़क रहे है ऐसे
जैसे, निकलेगी गालियां हाय,
जरा सम्हाल जा, ना बीच में आ,
देखो रानी, झांसी की आईं।।।
देव