आज फिर, मेरे जीने की मन्नतों में,
खुदा को याद किया गया,
व्रत तोड़ने की धमकी से,
मुझे ठगा गया,
साल भर, बेफिकर हो,
जिसे नजर अंदाज किया गया,
आज उसी ने पांव छू,
मुझे चांद बनाया गया,
मन्नतों हजार, आज मांगी गई,
ख्वाहिशों की बू हर दुआ में आती रही
बेवकूफ इंसा को क्या,
भगवान को भी बनाया गया,
इल्जाम लाख लगा मुझ पर,
मेरा चेहरा मांगा गया।।
देव