यार, तू साथ है, फिर क्या बात है

यार, तू साथ है, फिर क्या बात है,
कौन कहता है, में अकेली हूं,
जब हाथो में, तेरा हाथ है,

तू कदम तो बड़ा,
तू मस्त होकर चलती जा,
कदम लड़खड़ाने गर जरा,
राहों में तेरी, मेरा हाथ है,

आसमां छू ले जरा,
तू खुल के उड़ ले जरा,
बालों को अपने तू उड़ा,
सपनों से ऊंची, उड़ती जा।।

तू है यही, मेरे पास है,
मेरे हर गम में, तू मेरे साथ है,
हंसते तो सब भी है यह,
आंसू बस तेरे, पास है,
मेरे बिन कह, सुन लेती है
पल में, करीब मेरे होती है,
में बदन हूं, तो जान तू,
मैं जाम है, और शराब तू।।

देव

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