अति सुंदर, तेरा ये रूप,
सबसे सुंदर, तेरा स्वरूप,
तू सुबह की लालिमा,
तू शाम की धूप,
तू रिमझिम बारिश में,
चमकता इन्द्रधनुष,
तेरी लालिमा, मेरी कविता,
तेरा प्यार की, ये प्रतिबिंब
तेरी किरणों से, चमक उठा,
रात अमावस था जो दिन,
मैं तो ओझल, कब का था जहां में,
तुझे देख, मिला मुझे ये दिन,
नाज़ मुझे, लिखने पर है कि,
नहीं लिखी कविता संगीन,
तेरे चेहरे पर, ज़रा सी खुशियां लाए,
नहीं कीमती तोहफा कोई, दिवाली के दिन।।
देव