जैसे स्वयं दुर्गा मेरे घर आ रही है

नन्ही सी परी, मुझको है मिली,
गोदी में मेरे, है लक्ष्मी बसी,

बेटी है ये, बहन भी होगी,
वक़्त आने पर, पत्नी बनेगी,
निर्माण नए संसार का, इक दिन करेगी
फिर क्यूं इसे, मैं हक ना दू,
संसार के नियम, क्यूं ना बदलू,
प्रकृति से, प्रकृति क्यूं छीन ली मैं,
मान जो मिलना है, भला क्यूं ना दूं मैं,

बेटा, तू फ़िक्र ना कर, मां हूं तेरी,
तेरे लिए खोलूंगी, हर राह तेरी,
तुझसे नहीं मांगूंगी, जो मांगा था मुझसे,
औरो के निर्णय से नहीं, लादुंगी तुझको,

देखो, कैसे खिलखिला रही है,
चारो दिशाओं में, खुशियां फैला रही है,
सुनकर कर मेरी बातें बड़े गौर से,
बेटी मेरी, मंद मंद मुस्कुरा रही है।

नाम मेरा करने रोशन जहां में,
जैसे स्वयं दुर्गा मेरे घर आ रही है,

देव

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