ना करो इश्क़ मुझसे, पछताओगे

मुझसे इश्क़ करने वालो,
ना करो इश्क़ मुझसे, पछताओगे,

मैं दरिया हूं, ना बांधो मुझे,
मोहब्बत का वास्ता देकर,
बहुत चोट मिल चुकी है मोहब्बत में,
अब नहीं मैं यू ही बदलने वाला,

मेरा इश्क़, तुम्हारे इश्क़ से जुदा है,
मेरे इश्क़ में, परवाह है, फिक्र भी है,
तेरे गमों को समेटना, तेरी ख़ुशी भी है,
जहां कांटे हो, तेरी राह पर,
तेरे क़दमों तले, मेरा हाथ भी है,
और जब कोई नहीं होगा साथ तेरे,
तुझ पर, फना मेरा दिन और रात भी है,
नहीं तोलता हूं, मैं मेरे इश्क़ को,
जमाने के बनाए, सौदों से,
गर, तू नहीं चाहेगी मुझको फिर भी,
मेरा जान, तेरी नफरत के नाम भी है,

और तुम्हे इससे भी, तो गिला है,
क्यूं, मैं हर बार, तुम्हे मना लेता हूं,
क्यूं नहीं, मैं लोगो को, प्यार से मिलता हूं,
क्यूं मैं, दुश्मनों को भी, गले मिलता हूं,
क्यूं मैं, तन्हाई में भी, खुश रहता हूं,
मैं तो बस मोहब्बत करना जानता हूं,
क्यूं कि, नफरत, मेरी किताब में नहीं है,

इसीलिए कहता हूं, मुझसे इश्क़ करने वालो,
ना करो इश्क़ मुझसे, पछताओगे,
मुझसे, इश्क़ के अलावा, कुछ और ना ले पाओगे।।

देव

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