मलिका बनाना चाहता हूं

हसरत तो है, के तुझे बाहों में समा लूं,
कुछ पल ही सही, तेरी जुल्फों के, साएं में गुजारूं,

तुझे, अपने पास बुला लूं, कुछ पल निहार लूं,
तेरी आंखो में, बसे सपनों को, मैं अपना बना लूं,

पर तेरे होंठ, जरा हिले, कहें हाल ए दिल तेरा,
बयां, बस इक बार हो, मुझसे चाहत का, इरादा,

मैं, तुझे पाना नहीं, अपनाना चाहता हूं,
तेरी आबरू के आगे, नहीं मेरे इश्क़ को, जिताना चाहता हूं,

बस, इक बार हां कह दे, मेरे इश्क़ को
तुझे बस अपने दिल की नहीं,
जिंदगी की मलिका बनाना चाहता हूं,

देव

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