महफ़िल सजी है लोग भी है यहां

महफ़िल , सजी है, लोग भी है यहां,
कुछ है यहां, कुछ तन्हा,


शाम थी हसीं, और रात है जवां,
इश्क़ फैला है, हर तरफ यहां,

कुछ गानों का दौर, कुछ चुटकुले
ठहाको के बीच, होते आंखो से, मशवरे,

बेहिसाब हसीं, अनगिनत खुशियां,
बांतो में छिपाते, अपने गम , अपनी कमियां

महफ़िल सजी है लोग भी है यहां,
कुछ है यहां, कुछ तन्हा

देव

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