पलकें मेरी….. अक्सर…. ठहर जाती है,
जब…सामने तस्वीर … नजर आती है,
कैसे रहे…. बिन उनके.. पल भर हम यहां
आंखे मुंदते है…. सामने… वो आ जाती है
मुद्दत…
मुद्दत हो गई….मुलाक़ात…. किए उनसे,
कब और कैसे कहे…. हाल ए दिल… उनसे,
ना वो नजर… आती है.. महफ़िल में मेरी
ना वो महफ़िल में…. अपनी….बुलाती है हमें
उम्मीद अब भी है.. कहां… छूटी है अभी,
सांसे कुछ और… मुझमें… बची है अभी,
कसम है खुदा की…चाहेंगे…हम, बस तुझे,
गर…तू नहीं किस्मत में, तो कोई और भी नहीं ।।
देव