बस, उनकी तारीफ में,
कुछ लिख क्या दिया,
उन्हें अपने हुस्न पर,
घमंड हो गया,
जो, अक्सर, गुजरते हुए,
दुआ सलाम करते थे
अब तो दीदार ही उनका,
दुश्वार हो गया,
जाने क्यूं, बेकार बेसबब
किस्से बना डाले, इस कदर,
तारीफे करने वालो का,
मुंह बंद हो गया,
क्यूं, और कौन लिखेगा,
तेरे हुस्न की तारीफ में,
तेरे अहम के आगे, हुस्न,
तेरा बेकार हो गया।
देव