सुबह की फैली लालिमा,
मुझसे ये अक्सर कहती है,
तू फ़िक्र ना कर, यार मेरे,
वो तुझसे मोहब्बत करती है,
बस वक़्त दे तू, थोड़ा उसको
वो यू ही यकीं नहीं करती है,
तेरे किस्से, बहुत फैले यहां,
अक्सर सुनती वो रहती है,
देव
सुबह की फैली लालिमा,
मुझसे ये अक्सर कहती है,
तू फ़िक्र ना कर, यार मेरे,
वो तुझसे मोहब्बत करती है,
बस वक़्त दे तू, थोड़ा उसको
वो यू ही यकीं नहीं करती है,
तेरे किस्से, बहुत फैले यहां,
अक्सर सुनती वो रहती है,
देव
Well said
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