कौन कहता है, अकेली है वो
यारो की टोली, साथ रहती है,
दो बूंद आंसू आ जाए तो,
घर में जमात लगती है,
फिर भी, ना जाने क्यूं,
हसीं में भी उदासी रहती है,
साथी का तो है इंतेज़ार उसे
दरवाजे नहीं खुले रखती है।।
देव
कौन कहता है, अकेली है वो
यारो की टोली, साथ रहती है,
दो बूंद आंसू आ जाए तो,
घर में जमात लगती है,
फिर भी, ना जाने क्यूं,
हसीं में भी उदासी रहती है,
साथी का तो है इंतेज़ार उसे
दरवाजे नहीं खुले रखती है।।
देव