अस्क अपना आइने में, अब कहा दिखता है,
बस उसका चेहरा, हर तरफ दिखता है,
माना, फिलहाल वो मगशूल है अपने में,
उसको कहां मेरा इश्क़, सच्चा दिखता है,
यकीं है मुझको, खुदा पर यारो,
चाहेगा गर, वो खैरियत मेरी,
लाख चाहे, जाना दूर मुझसे वो,
करेगी इश्क़, इक दिन मुझसे वो।।
देव