चाय पीने चल दिए।

और क्या करता, बस कुछ दोस्त बना लिए,
करने दिल हल्का, चाय पीने चल दिए,

फिक्र को धुएं में उड़ा,
यादों को बंद कर बस्ते में,
बस, खो गए रास्ते में,
कुछ पल जी लिए,

मौसम भी कम ना था,
और उसकी कमी,
बेमानी सी जिंदगी थी लगी,
फिर से कर ली, आवारगी,

खुशी थी, पर सूकुं ना था,
किसी में मोहब्बत का जुनून ना था,
और मेरा, उसकी जिंदगी में,
कोई वजूद ना था,

तो क्या करता, बस कुछ दोस्त बना लिए,
करने दिल हल्का, चाय पीने चल दिए।।

देव

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