हां, पागल हूं मैं, बेइंतेहा प्यार किए जाता हूं,

हां, पागल हूं मैं, बेइंतेहा प्यार किए जाता हूं,

अक्सर, रो लेता है, याद करके उसको अाजकल,
मिलने का मुझसे, उसे वक़्त कहा मिल पाता है,

ना तन्हाई साथ है, ना महफिलें रास है,
इक दीदार को उसका, दिल तड़प जाता है।।

जानता हूं, चाहती है वो किसी और को,
और मैं अपने जज़्बात, बयां किए जाता हूं,

हां, पागल हूं मैं, बेइंतेहा प्यार किए जाता हूं,

देव

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