कभी हमसफ़र मिल जाएंगे,
अनजान राहों पर तुम्हे,
जरा पहचान लेना,
वक़्त रहते तुम उन्हें,
मंजिलों की राह में,
गुज़र जाएंगे रास्ते,
हाथ थाम जो लोगे,
सफ़र से ना होगे सफर,
जरूरी नहीं, एक हो,
मंजिले सबकी मगर,
साथ तो है, शुक्र करना,
हाथ बड़ाना, थाम लेना।।
देव
कभी हमसफ़र मिल जाएंगे,
अनजान राहों पर तुम्हे,
जरा पहचान लेना,
वक़्त रहते तुम उन्हें,
मंजिलों की राह में,
गुज़र जाएंगे रास्ते,
हाथ थाम जो लोगे,
सफ़र से ना होगे सफर,
जरूरी नहीं, एक हो,
मंजिले सबकी मगर,
साथ तो है, शुक्र करना,
हाथ बड़ाना, थाम लेना।।
देव