तू दूर नहीं,पास है
यही, मेरे आस पास है,
महसूस तेरी सांसों को,
कर सकता हूं,
पलकें झुकाए, बैठी है तू,
मैं देख सकता हूं,
तेरी आंखो से झलकती
आंसू की बूंदे,
तेरे माथे पर पड़ी,
शिकन की लकीरें,
तेरे हाथो के कपकपाते से,
हिलता वो गिलास,
तेरे लबों से आती वो,
कपकपाती आवाज,
सब मुझे दे दे,
मैं तुझे यूं, नहीं देख सकता हूं
तुझ पर अपना चैन
फना कर सकता हूं,
मेरा इश्क़ मोहताज नहीं,
कि तू मेरे पास नहीं,
मेरे इश्क़ को फक्र है,
जब तू बेफिकर रहे,
तू सोचे मुझे या किसी और को
इस दिल में, बस तेरी सूरत रहे,
तुझे तेरी मंजिल मिले, तुझे यूं ही
राहों में भटकते नहीं देख सकता हूं,
तेरे क़दमों में, गुरूर मेरा रख सकता हूं।।
देव