ध्वनि मधुर फैली है अब,
हर तरफ दिशाओं में,
अखंड भारत है यह,
निपटेगा आपदाओं से,
निश्चय दृढ़ हमारा है,
बेखौफ है हवाओं से,
घोल सकते है, रस प्यार का,
बहेगा अमृत, फिजाओं से,
यकीं तू कर, इत्मीनान रख,
मिटेगा पल में ये जहर,
यूं ही नहीं हम हिन्द है,
रहते है हम, हिंदुस्तान में।।
देव