क्यूं आजकल यूं ही, सोचता मैं रहता हूं,
वक़्त बेवक्त, तेरे ख्यालों में रहता हूं,
तू पास है, या दूर कही मुझसे,
मैं हर पल तेरे करीब रहता हूं,
फिक्र तो तुझे भी, रहती है मेरी,
यूं ही नहीं तेरी बातों में,
मेरा जिक्र रहता है।।
देव
क्यूं आजकल यूं ही, सोचता मैं रहता हूं,
वक़्त बेवक्त, तेरे ख्यालों में रहता हूं,
तू पास है, या दूर कही मुझसे,
मैं हर पल तेरे करीब रहता हूं,
फिक्र तो तुझे भी, रहती है मेरी,
यूं ही नहीं तेरी बातों में,
मेरा जिक्र रहता है।।
देव