चमन ये रंगीन नहीं होता,
तुझसे जो रूबरू, नहीं होता,
फिजा कहा, मुस्कुराती,
गर, तू ना खिलखिलाती,
शराब, बे शराब होती,
रूबरू, तुझसे ना होती,
ग़ालिब, भूल जाता शायरी,
तू गर, तब बेनकाब होती।।
देव
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चमन ये रंगीन नहीं होता,
तुझसे जो रूबरू, नहीं होता,
फिजा कहा, मुस्कुराती,
गर, तू ना खिलखिलाती,
शराब, बे शराब होती,
रूबरू, तुझसे ना होती,
ग़ालिब, भूल जाता शायरी,
तू गर, तब बेनकाब होती।।
देव