किस तरह तूने है जीवन जिया

आज तेरा दर्द महसूस किया,
किस तरह तूने है जीवन जिया,

घर की चारदीवारी में, गुजरी उम्र सारी,
और एक बार भी, उफ्फ ना किया,

सलाम है तुझको, तेरे प्यार को,
जो कुछ भी तूने, सबके लिए सहा।।

देव

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