मगर पा नहीं सकते

बेसबर सी जिंदगी, उलझी हुई राहें,
चाहते तो बहुत कुछ, मगर पा नहीं सकते,

वक़्त भी बेबस सा, दिखता है, आजकल,
वो दिखते तो है, मगर, आ नहीं सकते,

सपने भी, जरा कशमेकश में है,
जो चाहते है, वो दिखा नहीं सकते,

नींद, क्यूं कर आएगी भला,
ना वो करीब है, ना दूर जा सकते,

जिंदगी, मौत से बदतर है यहां,
खुदा दिखता तो है, मगर पा नहीं सकते,

आज लकीरों से पूछ ही ली,
खता हमने,
बोली, दे तो सकते हो,
मोहब्बत पा नहीं सकते।।

देव

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