काश! कोई होता, जिसे अपना कह पाते,
उसके पहलू में रख कर सर, जरा सुस्ता पाते।
कुछ रात ही सही, चैन से सो पाते,
नींद ना आती, मगर, उसे सुला पाते।
उसके चेहरे की शिकन को, चुरा पाते,
उसकी मुस्कुराहट पर, मुस्कुरा पाते।
गम, कम नहीं, मगर, उसे सुन पाते,
अपने हिस्से की खुशी, उसे दे पाते।।
देव
6 may 2020