ना वो बोले हां, ना, ना बोले

दरवाजे बंद रखे, या खोल दें,
जिरह कुछ इस तरह हुई,
वो खड़े भी है, मगर
खटखटाहट भी ना हुई।

बेतरतीब सी जिंदगी को,
सवाराने में लग गया कोई,
आइना जिसको था समझा,
नजर से दूर, थे वो भी।

खुदा ने दिल तो दिया उसको,
और मोहब्बत, भी दिल में थी उनके,
कश्म ए कश, जेहन की यूं थी कुछ,
ना वो बोले हां, ना, ना बोले।।

देव

1 june 2020

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