यूं ही निकलते है, ले नाम तुम्हारा

बंद पलकों की दीवारों में,
लिखा है नाम तुम्हारा,
मेरी हर सुबह तुम्हारी,
मेरा हर ख्वाब तुम्हारा।।

अश्क मेरे, क्यूं मैं जाया करू,
थम जाए, जरा, जतन हजार करू,
उनमें बसती है, यादे तुम्हारी,
यूं ही निकलते है, ले नाम तुम्हारा।

देव

10 june 2020

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