
रूह तेरी, सुन जरा, कह रही, कुछ तुझसे,
कुछ पल ही सही, हुई थी, तुझे, मोहब्बत मुझसे।
यूं ही नहीं, अक्सर, जेहन में तेरे, नाम मेरा आता है,
यूं ही नहीं, तुझे, मुझे सताने में तुझे, मजा आता है,
यूं ही नहीं, तू चुप होकर भी, बोलती है मुझसे,
यूं ही नहीं, नजरे तेरी, ठहरती है मुझपे,
यूं ही नहीं, तू मुझसे, दूर जाती है,
यूं ही नहीं, तू लौट कर, फिर आतीं है,
यूं ही नहीं, तू चलते चलते, रुक जाती है,
यूं ही नहीं, तू मुड़कर, मुस्कुराती है,
यूं ही नहीं, तू लब्ज़ मेरे, पड़ जाती है,
यूं ही नहीं, तू वाह वाह नहीं, लिख पाती है।।
रूह तेरी, सुन जरा, कह रही, कुछ तुझसे,
कुछ पल ही सही, हुई थी, तुझे, मोहब्बत मुझसे।
देव