एक बार मुझे तेरी, आशिकी दे दे

तख्त ओ ताज की ख्वाहिश,
नहीं खुदा के बाशिंदों को,
देनी है मुझे गर तो, खुदाई दे दे,
एक बार मुझे तेरी, आशिकी दे दे।।

चला था, मैं घर से, कितने मंसूबे लेकर,
तेरे दर तक, आते आते बिछड़ी सारी ख्वाहिशें,
बची है बस, बस तुझसे मोहब्बत बाकी,
एक बार मुझे तेरी, आशिकी दे दे।।

खौफ में कौन नहीं, किसको खौफ नहीं,
बस मौत का नहीं, है जिंदगी का खौफ कहीं,
मेरी सब प्यार, मेरा सारा खौफ लेले,
एक बार मुझे तेरी, आशिकी दे दे।।

देव

15 june 2020

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