मुझसे ना करो इश्क़, पछताओगे,
यहां सूखी नज़रे है, अश्क भी ना पाओगे।।
ढूंढ़ती सी कभी, जिंदगी आ गई थी,
खंडहरों में मेरे, उसको भी ना मिला बसर,
सब कुछ रुका सा है, थमा सा है यहां,
जब से वो गई है, वक़्त ठहर सा गया।
देव
मुझसे ना करो इश्क़, पछताओगे,
यहां सूखी नज़रे है, अश्क भी ना पाओगे।।
ढूंढ़ती सी कभी, जिंदगी आ गई थी,
खंडहरों में मेरे, उसको भी ना मिला बसर,
सब कुछ रुका सा है, थमा सा है यहां,
जब से वो गई है, वक़्त ठहर सा गया।
देव