अंगुलियों से बालो को मेरे, सहलाते हुए,
कह दिया उसने, मोहब्बत है, इतराते हुए।
लबों से गुनगुनाती रही, वो नज़्में,
मैं तकता रहा उसे, फिर जाते हुए।
अंगुलियों से बालो को मेरे, सहलाते हुए,
कह दिया उसने, मोहब्बत है, इतराते हुए।
लबों से गुनगुनाती रही, वो नज़्में,
मैं तकता रहा उसे, फिर जाते हुए।