कहीं भी रहे, बस एक बार,
कुछ पल ही सही, मुझसे मिल जा……
हकीकत में नहीं, कोई बात नहीं,
ख्वाबों में, इक बार तो मिल जा।।
अपना ना सही, मगर गैर भी नहीं,
यकीं है, तुझे मुझसे, कोई बैर नहीं,
गर मोहब्बत मेरी, तेरे दिल में नहीं,
दो पल ही सही, यार से बातें कर जा।
हकीकत में नहीं, कोई बात नहीं,
ख्वाबों में, इक बार तो मिल जा।।
महफ़िल है, और रौनक नदारद,
तू है, जैसे खाने में नमक की आदत,
सुकून है गर तू है, जेहन में जब तक,
तेरे इश्क़ का मुझे, तोहफा दे जा,
हकीकत में नहीं, कोई बात नहीं,
ख्वाबों में, इक बार तो मिल जा।।
देव
31/08/2020, 9:09 pm