कुछ तो खास है ॥

कुछ तो खास है,
तू जो मेरे पास है,
और कहां वो बात है,
जब नहीं पास है।

तकता मैं रहा तुझे,
बेखबर जमाने से,
तू कहती रही हर बात मुझसे,
अनजान उस फसाने से।

तसव्वुर तेरा इक करने को,
मुलाकात के ढूंढे बहाने,
जब तू सामने थी मेरे,
नज़रे झुका, लगा मुस्कुराने,

नजर भर देख कर तुझको,
पलके बन्द करता रहा,
तेरे चेहरा कुछ इस तरह,
लगा दिल में, बसाने।

अब बस ही गई हो,
तो कैसे तुमको निकाले,
तेरी यादों के साए में,
लगा ये जिन्दगी बिताने।।

देव

21/09/2020, 10:19 am

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