काश मेरे पंख होते!

काश। मेरे पंख होते,
उड़ जाती दूर गगन में,
छूकर सितारों को पल में,
तकती धरती को गगन से,
चांद पर एक महल बनाती,
सूरज से रोशन करवाती,
मंगल बुध, सेवा में होते,
शनि शुक्र हवा कर रहे होते।
काश। ख्वाबों का एक दरवाजा होता,
उस दरवाजे तक, एक रास्ता होता,
नींद कहा आती फिर मुझको,
अक्सर, सपनो के राज महल में,
मेरा बचपन बीता होता,
पेड़ों पर सितारे होते,
चांद फल बनकर लटकते होते,
चॉकलेट की नदियां होती,
सारी सखियां मेरी होती।
देव
28/01/2021, 10:22 am

Leave a Reply